मानवजाति के उद्धार के लिए जिन अवतारी महापुरुषों का आविर्भाव होता है उनके जीवन पर जितने भी अधिक ग्रन्थ लिखे जायें उनसे संसार का उतना ही अधिक हित होगा। यद्यपि भगवान् श्रीरामकृष्ण और उनकी लीला-सहर्धिमणी श्रीसारदादेवी (श्रीमाँ) की पृथक-पृथक जीवनियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं, तथापि एक ही पुस्तक में दोनों का जीवन-चरित्र एकसाथ पहली बार प्रकाशित हो रहा है। इन दोनों की जीवनियाँ एकसाथ पढ़ने से उनके दिव्य जीवन का सम्पूर्ण चित्र हमारे सामने उपस्थित होता है। स्वामी अपूर्वानन्दजी ने मूल बँगला पुस्तक विश्वसनीय तथा अधिकृत सामग्री के आधार पर लिखी है और उन्होंने उसमें इन दो महान् विभूतियों के जीवन की सभी प्रमुख तथा महत्त्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन किया है। भगवान् श्रीरामकृष्ण तथा श्रीसारदादेवी के जीवन के सम्बन्ध में और भी अधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त करने की प्रेरणा पाठकों को प्रस्तुत पुस्तक से मिलेगी। इस पुस्तक में जटिल चर्चा तथा गूढ़ तात्त्विक विवरण आदि न होने के कारण पाठक इसे आसानी से समझ सकेंगे तथा यह चित्ताकर्षक भी प्रतीत होगी।