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SWAMI SARADANANDA -H-100

H151 Swami Saradananda ( स्वामी सारदानन्द )

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Rs.100.00
Author
Swami Prabhananda
Pages
461

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‘भगवान श्रीरामकृष्ण के एक प्रमुख शिष्य : स्वामी सारदानन्द’ नामक यह चरित्र ग्रन्थ पाठकों के समक्ष रखते हुए हमें अत्यन्त हर्ष हो रहा है। बंगला में लिखित मूल ग्रन्थ ‘सारदानन्द चरित’ के लेखक स्वामी प्रभानन्दजी, रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन के सुपरिचित एवं वरिष्ठ संन्यासी हैं तथा साथ ही वे रामकृष्ण संघ के साहित्य तथा भावधारा में गहरी पैठ रखनेवाले गहन चिन्तक तथा लगनशील शोधक भी हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ में समकालीन तथ्यों सहित विभिन्न क्षेत्रों तथा व्यक्तित्वों के बारे में अनेक रोचक तथा दुर्लभ जानकारियों से ग्रन्थ की उपादेयता और भी बढ़ी है।

स्वामी सारदानन्द युगावतार भगवान् श्रीरामकृष्ण के लीलापार्षद शिष्य तथा विश्ववन्द्य स्वामी विवेकानन्द के गुरुभाई थे। भगवान् श्रीरामकृष्ण ने अपनी आध्यात्मिक अन्तर्दृष्टि द्वारा स्वामी सारदानन्दजी में विराट उत्तरदायित्वों को कुशलतापूर्वक निभाने की क्षमता देखी थी। तद्नुरूप, परवर्ती काल में प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अविचल रहनेवाले धीर, गम्भीर एवं ‘स्थिरबुद्धि’ स्वामी सारदानन्दजी ने रामकृष्ण मिशन जैसे विशाल संन्यासी संघ के प्रथम महासचिव के रूप में सर्वतोमुखी विकासशील कार्य को आध्यात्मिक आधार देकर निभाया तथा वे भविष्य के लिए उच्च मानदण्ड स्थापित करनेवाले मार्गदर्शक बने।

इतने व्यस्त जीवन के साथ साथ स्वामी सारदानन्दजी ने श्रीरामकृष्ण की लीलासहधर्मिणी श्रीमाँसारदादेवी की दीर्घकाल तक अतिविनीत भाव से सेवा करते हुए उच्च कोटी के साहित्य का भी सृजन किया। उनकी रचनाओं में विशेषकर श्रीरामकृष्णलीलाप्रसंग नामक ग्रन्थ आध्यात्मिक भावसम्पन्न अमूल्य निधि है।

अतिव्यस्त रहते हुए भी दैनिक क्रियाकलाप आध्यात्मिक बोधयुक्त तथा भगवत्शरणागतिपूर्वक किस प्रकार किए जाएँ, यह लेखक ने स्वामी सारदानन्दजी के विस्तृत जीवन द्वारा प्रतिपादित किया है।

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