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Bhagawan Sri Krishna Pages
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Sri Gopalchandra Vedantashastri Choose Quantity
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साक्षात् श्रीभगवान् के मुखकमल से प्रकट हुई सर्वशास्त्रमयी गीता की दिव्य महिमा से भारतीय जनता भलीभाँति परिचित है। अत: इस विषय में कुछ न कहकर हम यहाँ पर केवल गीता के प्रस्तुत संस्करण की विशेषताओं का उल्लेख करना ही पर्याप्त समझते हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ रामकृष्ण संघ के वयोज्येष्ठ आदरणीय संन्यासी स्वामी अपूर्वानन्दजी महाराज द्वारा सम्पादित बँगला गीता का हिन्दी अनुवाद है। इसमें गीता के मूल श्लोक, अन्वय, अन्वयार्थ एवं हिन्दी अनुवाद के अतिरिक्त स्थान-स्थान पर शांकर भाष्य एवं श्रीधरी टीका पर आधारित पादटिप्पणियाँ तथा श्रीरामकृष्ण-विवेकानन्द-वाणी के प्रकाश से लिखित टीका दी गयी है। प्रत्येक अध्याय के अन्त में ‘सारामृत’ नाम से अध्याय का तात्पर्य दिया गया है। इसी प्रकार भूमिका, गीता-पाठविधि, गीताध्यान, गीतामाहात्म्य तथा वर्णानुक्रमिक श्लोकसूची के कारण ग्रन्थ की उपादेयता और भी बढ़ गयी है।