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MAHABHARAT MUKTA H-50
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H209 Mahabharat Mukta (महाभारत मुक्ता)

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Rs.50.00
Author
Swami Satyarupananda
Pages
116

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महर्षि व्यासजी द्वारा प्रणीत ‘महाभारत’ भारतीय संस्कृति का महान ग्रन्थ है। इसे महाकाव्य भी कहा जाता है। भारतीय संस्कृति की महानता को जानने के लिये, उसकी उदारता, सर्वांगपूर्णता एवं मानवी मूल्यों को ज्ञात करने के लिये सबको महाभारत के प्रेरणाप्रद आख्यानों एवं आदर्शमय महान पुरुषं के चरित्रों का अध्ययन करना चाहिये। जीवन को उन्नत एवं महान बनाने के लिये हमें महान व्यक्तियों के मार्ग का अनुसरण करना चाहिये। ‘‘क: पन्था:’’ – यक्ष के द्वारा यह प्रश्न पूछने पर युधिष्ठिर ने कहा था – ‘‘महाजनो येन गत: स पन्था:’’ स्वामी विवेकानन्दजी ने भी महाभारत की महिमा एवं उसमें निहित नैतिक आध्यात्मिक तत्त्वों पर १ फरवरी, १९०० को अमेरिका में पैसाडेना में बड़ा ही तथ्यपूर्ण एवं तत्त्वमय व्याख्यान दिया था।
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