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Swami Harshananda Pages
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Sri Megharaj Singh Choose Quantity
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पुरुषसूक्त में लेखक द्वारा पुरुष, विराटपुरुष एवं उनके द्वारा की गई प्राथमिक एवं द्वितीयक विश्वरचना, समाज में वर्णव्यवस्था, मानव जीवन का उद्देश्य एवं उसकी प्राप्ती के उपाय आदि की प्रस्तुति गम्भीर, प्रभावशाली एवं अद्वितीय है।