Book Store | Ramakrishna Math Pune
0
MERI JIVANKATHA H-75
MERI JIVANKATHA H-75
MERI JIVANKATHA H-75
MERI JIVANKATHA H-75
MERI JIVANKATHA H-75
Rs.75.00
Author
Swami Vivekananda
Pages
294
Translator
Swami Videhatmananda
Product Details
किसी भी महापुरुष के जीवन तथा सन्देश को समझने का सर्वाधिक प्रामाणिक तथा सर्वश्रेष्ठ साधन हैं उनका स्वयं के लेखन तथा वार्तालापों का संकलन । स्वामी विवेकानन्दजी ने अपनी ‘आत्मकथा’ तो नहीं लिखी, तथापि उनके लगभग ८०० व्यक्तिगत पत्र, बहुत-से व्याख्यानों एवं वार्तालापों के विवरण तथा अनुलिखन और उनके अनेक गुरुभाइयों तथा शिष्यों द्वारा लिखित स्मृति-कथाएँ तथा संस्मरण उपलब्ध हैं । इस सम्पूर्ण साहित्य में यत्र-तत्र उनके अपने जीवन-विषयक बहुत-सी बातें भी आयी हैं । १९६३ ई. में स्वामीजी की जन्म-शताब्दी के अवसर पर, उस समय तक उपलब्ध सामग्री में से स्वामीजी की उनके अपने विषय में उनकी उक्तियों को एकत्र करके क्रमबद्ध रूप से एक ‘आत्मकथा’ के रूप में सजाकर ‘Swami Vivekananda on Himself’ नाम के साथ एक अंग्रेजी ग्रन्थ के रूप में प्रकाशित किया गया था । उसके बाद स्वामीजी के जीवन तथा साहित्य से सम्बान्धित और भी बहुत-सी सामग्री की खोज होती रही है । २००६ ई. में कोलकाता के अद्वैत आश्रम ने उसी ग्रन्थ के साथ परवर्ती काल में आविष्कृत बहुत-सी नवीन सामग्री का संयोजन करते हुए उसका एक संशोधित तथा परिर्विधत संस्करण निकाला । दस खण्डों में प्रकाशित ‘विवेकानन्द-साहित्य’ से संकलन तथा सम्पादन और हिन्दी में अप्राप्त अंशों का अंग्रेजी तथा बँगला से अनुवाद कर लिया गया है ।
Added to cart
- There was an error adding to cart. Please try again.
Quantity updated
- An error occurred. Please try again later.
Deleted from cart
- Can't delete this product from the cart at the moment. Please try again later.