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PRABHU PARAMESHWAR JAB-H-20

H166 Prabhu Parmeshwar Jab Raksha Karein (प्रभु परमेश्वर जब रक्षा करें)

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Rs.20.00
Author
Swami Japananda
Pages
67

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स्वामी जपानन्द जी रामकृष्ण संघ के एक वरिष्ठ संन्यासी थे । उनका जन्म ५ मई १८९८ ई. को बुद्ध-पूर्णिमा के दिन हुगली जिले के चन्दननगर में हुआ था । १९१२ ई. से ही उनका बेलूड़ मठ में आना-जाना लगा रहता था । १९१६ ई. में वे गृहत्याग करके मठ में आ पहुँचे । उन्हें स्वामी ब्रह्मानन्द, स्वामी प्रेमानन्द, स्वामी शिवानन्द तथा स्वामी सुबोधानन्द का विशेष स्नेह प्राप्त हुआ । २२ अगस्त, १९१८ के दिन उन्हें माँ श्री सारदा देवी से मंत्रदीक्षा तथा १९२० ई. में वाराणसी में स्वामी ब्रह्मानन्द जी से संन्यास-दीक्षा प्राप्त हुई थी । वे रामकृष्ण मठ के ढाका तथा राजकोट आश्रमों के अध्यक्ष रहे । उन्होंने कई आपदा-राहत कार्यों का भी संचालन किया । १९३६ ई. में ‘श्रीरामकृष्ण-जन्म-शताब्दी’ तथा १९५३ ई. में ‘श्री सारदादेवी-जन्म-शताब्दी’ के अवसर पर उन्हें प्रचार-कार्य सौंपा गया था, जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक सम्पन्न किया । २६ फरवरी, १९७२ ई. वे ब्रह्मलीन हुए ।

संन्यास के पूर्व उन्होंने ईश्वर की खोज में उन्हीं पर निर्भर होकर एक अकिंचन परिव्राजक के रूप में काफी भ्रमण किया था । उनके अनुभवों से कदाचित् अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिले तथा उपकार हो, इस दृष्टि से उन्होंने ‘प्रभु परमेश्वर जब रक्षा करें’ शीर्षक से अपनी भ्रमण-गाथा लिखी।
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