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यह ग्रन्थ रामकृष्ण मठ व रामकृष्ण मिशन के एक वरिष्ठ संन्यासी श्रीमत् स्वामी प्रभानन्दजी महाराज द्वारा लिखित मूल बंगला ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद है। ग्रन्थ के प्रारम्भ में लेखक ने अपने प्राक्कथन में ग्रन्थ का प्रयोजन तथा इसकी उपयोगिता के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की है। इस ग्रन्थ की सामग्री मास्टर महाशय की ‘डायरी’ से उपलब्ध हुई है तथा प्रवीण लेखक ने अनेक समकालीन रचनाओं की सहायता से उपरोक्त ग्रन्थ को रोचक बनाने की चेष्टा की है। इसमें कहीं कहीं पाठकों को पुनरावृत्ति नजर आ सकती है। किन्तु भगवान श्रीरामकृष्ण देव के आन्तम दिनों के सभी तथ्य उपलब्ध होने में इसकी अनिवार्यता महसूस होती है। मूल बंगला ग्रन्थ दो भागों में प्रकाशित हुआ है। इन दोनों भागों का हिन्दी अनुवाद इस ग्रन्थ में समाविष्ट किया है। भगवान श्रीरामकृष्णदेव का सम्पूर्ण जीवन अलौकिक और दिव्य है। श्रीरामकृष्ण-वचनामृत के पाठकों को इस ग्रन्थ के माध्यम से कुछ नये तथ्य उपलब्ध होंगे तथा भगवान श्रीरामकृष्णदेव की आन्तम दिव्यलीला का कुछ आभास मिलेगा इसमें हमें कोई सन्देह नहीं।